गांधीजी का अपमान क्यों?

गांधीजी का अपमान क्यों?
Spread the love

वेद प्रताप वैदिक
कोलकाता के दुर्गा-पूजा पंडाल में ‘असुर’ की जगह एक ऐसा चित्र लगा दिया गया, जो एकदम गांधीजी की तरह दिखाई पड़ता है। यह चित्र अ.भा. हिंदू महासभा की बंगाल शाखा ने लगाया है। हिंदू महासभा के नेताओं ने कहा कि वह असुर गांधी-जैसा दिखता है तो हम क्या करें? यह तो जो हुआ है, वह संयोगवश हो गया है? इन नेताओं की इस सफाई पर कौन विश्वास करेगा? लेकिन इस बात से यह सिद्ध हो रहा है कि ये लोग दब्बू और कायर हैं। झूठे भी हैं।

यदि वे अपने आप को हिंदू कहते हैं तो वे वास्तव में दुनिया के हिंदुओं को शर्मिंदा कर रहे हैं। वे क्या यह नहीं सिद्ध कर रहे हैं कि हिंदुत्व के नामलेवा लोग डरपोक और कायर होते हैं? वे अपने आप को नाथूराम गोड़से का प्रशंसक कहते हैं लेकिन अगर गोड़से जिंदा होता तो वह भी इन पर थूक देता। वह इनसे कहता कि मैं तुम्हारी तरह कायर होता तो गोली-चलाने के बाद भाग खड़ा होता या अदालत में झूठ बोलने लगता और दावा करता कि मैंने गांधी को नहीं मारा।
बंगाली हिंदू सभाइयों ने गांधीजी को असुर या राक्षस बताने की जो कोशिश की है, वह पहली और एक मात्र नहीं है। गांधीजी की प्रतिमा को कई लोगों ने भारत और विदेशों में भी भंग किया है और ग्वालियर में गोड़से की मूर्ति भी बनाई गई है। अदालत में दिए गए गोड़से के बयान को पुस्तक के रूप में छपाकर गुपचुप बांटा भी जाता है।

इसके मूल में दो तत्व काम कर रहे हैं। एक तो मुस्लिम-विरोधी भाव और दूसरा कांग्रेस से घृणा! जहाँ तक आज की कांग्रेस का सवाल है, उसका महात्मा गांधी से कुछ लेना-देना नहीं है। वह फिरोज-इंदिरा गंधी (गांधी नहीं) परिवार है। आपको उससे भिडऩा है तो जरूर भिड़ें लेकिन गांधीजी पर बरसने का कोई कारण नहीं है। जहां तक मुस्लिम-घृणा का सवाल है, पिछले 75 साल में भारत बहुत बदल गया है। उसमें न तो कोई मुस्लिम लीग है और न ही कोई जिन्ना है।

 

अब मुस्लिम लीग को टक्कर देने के लिए किसी हिंदू महासभा की जरुरत भी नहीं रह गई है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के इस एतिहासिक कथन पर ध्यान दीजिए कि हिंदुओं और मुसलमानों का डीएनए एक ही है। यदि हिंदुओं के नाम पर बना संगठन-हिंदू महासभा- ऐसा बर्ताव करे, जैसा कि इस्लाम के नाम पर अरब आक्रामक बादशाह और ईसा के नाम पर रोम के पोप किया करते थे तो अब आप वैसा ही करके क्या भारत या हिंदुत्व की प्रतिष्ठा बढ़ा रहे हैं?
गांधीजी मनुष्य थे। गलतियां उनसे भी हुई हैं लेकिन गांधी जैसा मनुष्य इस पृथ्वी पर कोई दूसरा अभी तक तो पैदा नहीं हुआ है, उसे आप ‘राक्षस’ या ‘असुर’ बताकर दुनिया को क्या संदेश देना चाहते हैं? आपके कुछ भी कहने से गांधी का तो कुछ भी नहीं बिगडऩे वाला है लेकिन जो आक्षेप आप गांधी पर लगा रहे हैं, क्या वह आप ही चस्पां नहीं हो रहा है?

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *