अद्भुत होगा सफर जब बादलों में से गुजरेगी आपकी ट्रेन, ये है दुनिया का सबसे ऊंचा चिनाब ब्रिज

अद्भुत होगा सफर जब बादलों में से गुजरेगी आपकी ट्रेन, ये है दुनिया का सबसे ऊंचा चिनाब ब्रिज
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नई दिल्‍ली । दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेलवे ब्रिज का शनिवार को शुभारंभ हुआ। इस पुल के साथ आजादी के बाद पहली बार श्रीनगर देश के बाकी हिस्‍से से जुड़ जाएगा। यह ब्रिज इंजीनियरिंग का बेजोड़ नमूना है। य‍ह पुल चिनाब नदी पर बना है। एफिल टावर (324 मीटर) से यह 35 मीटर ऊंचा है। वहीं कुतुब मीनार के मुकाबले इसकी ऊंचाई लगभग 5 गुना ज्‍यादा है। इस ब्रिज को भूकंप और धमाकों का खतरा नहीं है। रणनीतिक लिहाज से भी यह काफी महत्वपूर्ण है।

इस ब्रिज से ट्रेन के जरिये सेनाएं आसानी से आ-जा सकेंगी। इसका काम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में शुरू हुआ था। इसका निर्माण मुंबई की दिग्‍गज इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर कंपनी ।बिवदे ने किया है। इस प्रोजेक्‍ट पर करीब 28,000 करोड़ रुपये की लागत आई है। इस पुल का निर्माण 2002 में शुरू हुआ था। तब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। सुरक्षा और अन्य कारणों से इसका काम 2008 में रोक दिया गया था। फिर 2010 में काम दोबारा चालू हुआ। अब यह बनकर तैयार हो गया है। दुनिया के सबसे ऊंचे इस सिंगल-आर्च रेलवे ब्रिज पर ओवरआर्क डेक का अंतिम टुकड़ा आज लॉन्च हुआ। इसे गोल्डन जॉइंट भी कहा जाता है। इसके जरिये सीधे ट्रेन से कश्मीर पहुंचा जा सकेगा।

28 हजार करोड़ रुपये का आया है खर्च
यह ब्रिज रणनीतिक महत्व रखता है। जहां यह ब्रिज बना है, वहां से दो अंतरराष्ट्रीय सीमाएं ज्यादा दूर नहीं हैं। इस ब्रिज से ट्रेन के जरिये सेनाएं आसानी से आ-जा सकेंगी। चिनाब रेलवे पुल जम्‍मू के कटरा और कश्‍मीर के बन‍िहाल के 111 किलोमीटर लंबे दुर्गम रास्‍ते को जोड़ने का काम करेगा। यह पुल ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक प्रोजेक्‍ट का हिस्‍सा है। इस प्रोजेक्‍ट पर करीब 28 हजार रुपये की लागत आई है।

कश्‍मीर को बाकी भारत से जोड़ता है

दुनिया का सबसे ऊंचा यह सिंगल-आर्च रेलवे ब्रिज इंजीनियरिंग का बेजोड़ नमूना है। यह पुल रेलवे के इंजीनियर्स के लिए बड़ी उपलब्धि है। करीब 120 सालों तक इस पुल का कुछ भी नहीं बिगड़ेगा। भारतीय रेलवे नेटवर्क की 272 किलोमीटर श्उधमपुर-कटरा-काजीगुंड -बारामुलाश् राष्ट्रीय रेल परियोजना लाइन के जरिये कश्मीर घाटी को बाकी भारत के साथ जोड़ा जाना है।

एफिल टावर, कुतुब मीनार इसके आगे बौने
दुनिया का सबसे ऊंचा यह रेलवे आर्क ब्रिज नदी से काफी ऊपर है। यह पुल चिनाब नदी पर बना है। इस पुल की नदी तल से ऊंचाई 359 मीटर है। यह पुल पेरिस के एफिल टॉवर (324 मीटर) से 35 मीटर ऊंचा है। कुतुब मीनार के मुकाबले इसकी ऊंचाई करीब 5 गुना ज्‍यादा है। इस पुल की लंबाई 1,315 मीटर है। इसमें 467 मीटर का मेन आर्क स्पैन है। यह अब तक बनी किसी भी ब्रॉड गेज लाइन का सबसे लंबा आर्क स्पैन है।

न भूकंप हिला पाएगा न धमाके

इस ब्रिज का भूकंप भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। यह रेल पुल 40 किलोग्राम टीएनटी (विस्फोटक) के धमाकों और रिक्टर स्केल पर आठ की तीव्रता वाले भूकंप को सहने की क्षमता के साथ डिजाइन किया गया है। यहां तक कि विस्फोट के बाद भी ट्रेन 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से इस पर से गुजर सकती है।

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