चीन सीमा क्षेत्र में जाने वाले सेना और बीआरओ के भारी वाहनों की आवाजाही होगी आसान, बद्रीनाथ धाम में बाईपास मार्ग के प्रथम चरण का निर्माण कार्य हुआ पूरा

चीन सीमा क्षेत्र में जाने वाले सेना और बीआरओ के भारी वाहनों की आवाजाही होगी आसान, बद्रीनाथ धाम में बाईपास मार्ग के प्रथम चरण का निर्माण कार्य हुआ पूरा
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देहरादून।  चीन सीमा क्षेत्र में जाने वाले सेना और बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) के भारी वाहनों की आवाजाही अब सुगम हो जाएगी। बद्रीनाथ मास्टर प्लान के तहत बद्रीनाथ धाम में बाईपास मार्ग के प्रथम चरण का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। यहां नर पर्वत की तलहटी में देवदर्शनी जैन धर्मशाला से माणा बस अड्डा (1.75 किमी) तक बाईपास सड़क पर हिल कटिंग का कार्य पूरा हो गया है।

सड़क पर वाहनों की आवाजाही का ट्रायल भी सफल रहा। अब दूसरे चरण में डामरीकरण के बाद मार्ग पर नियमित वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। चारधाम यात्रा के दौरान बद्रीनाथ धाम में वाहनों का दबाव बढ़ जाता है। देश के अंतिम गांव माणा के साथ ही चीन सीमा क्षेत्र में जाने वाले सेना व बीआरओ के वाहन भी जाम में फंस जाते हैं। कई बार धाम में दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती है।

मास्टर प्लान के तहत सबसे पहले बाईपास मार्ग निर्माण का प्रस्ताव रखा गया। इसी वर्ष अप्रैल माह में बाईपास मार्ग का निर्माण शुरू हुआ था। मात्र तीन माह में ही 1.75 किलोमीटर मार्ग का निर्माण पूरा हो गया है। दिल्ली की गावर कंस्ट्रक्शन कंपनी की ओर से निर्माण करवाया गया।

जोशीमठ की एसडीएम कुमकुम जोशी ने बताया कि बाईपास मार्ग पर वाहनों की आवाजाही का ट्रायल सफल रहा। अब डामरीकरण के बाद इस सड़क से सेना, बीआरओ के भारी वाहनों की आवाजाही होगी, जिससे बद्रीनाथ धाम में वाहनों का दबाव कम हो जाएगा।  नगर पंचायत बद्रीनाथ के अधिशासी अधिकारी सुनील पुरोहित ने बताया कि बद्रीनाथ बाईपास मार्ग के निर्माण से धाम में जाम की समस्या से मुक्ति मिल जाएगी। माणा गांव जाने वाले वाहनों की आवाजाही भी इसी मार्ग से होगी।

बद्रीनाथ मास्टर प्लान के द्वितीय फेज का अधिकांश काम बद्रीनाथ मंदिर परिसर के आसपास होगा। बद्रीनाथ मंदिर से 75 मीटर एरिया में भवन हटाए जाएंगे। अधिग्रहण पॉलिसी बनने के बाद भूमि व भवनों का अधिग्रहण शुरू किया जाएगा। यहां ब्रह्मकपाल, ऋषि गंगा और ब्रह्मकमल होटल के समीप तीन जगहों पर अलकनंदा पर पुल निर्माण, धाम परिसर के समीप ही आठ आवासीय परिसर स्थापित करना प्रस्तावित है। मंदिर के आसपास भवनों के ध्वस्तीकरण के बाद प्रभावित परिवारों को धर्मशालाओं में शिफ्ट किया जाएगा। प्रभावित परिवारों को इसका मुआवजा दिया जाएगा। मुआवजा न लेने पर उन्हें समतुल्य आवास आवंटित किया जाएगा। 50 दुकानदारों के लिए अस्थायी दुकानों की व्यवस्था भी की जाएगी। बद्रीनाथ मास्टर प्लान के कार्य तीन फेज में पूर्ण होंगे।

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