चारधाम यात्रा के दौरान हार्टअटैक से होने वाली मौतों को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग उठाने जा रहा है कई बड़े कदम

चारधाम यात्रा के दौरान हार्टअटैक से होने वाली मौतों को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग उठाने जा रहा है कई बड़े कदम
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देहरादून। चारधाम यात्रा के दौरान हार्टअटैक से होने वाली मौतों को कम करने के लिए एम्स ऋषिकेश ने स्क्रीनिंग फार्म भरवाने की व्यवस्था को पुख्ता तरीके से लागू करने का सुझाव दिया है। एम्स के हृदय रोग विभाग के डॉ. अभिमन्यु निगम का कहना है कि स्क्रीनिंग फार्म में 10 सवालों के जवाब और कुछ प्राथमिक जांच से यात्री के स्वास्थ्य व जोखिम का पता लगाया जा सकता है। इस साल यात्रा की शुरुआत से ही पहले पड़ाव पर ही स्क्रीनिंग की तैयारी की जा रही है। डॉ. अभिमन्यु निगम का कहना है कि लंबी पैदल यात्रा के दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी होती है। पैदल यात्रा से अचानक शारीरिक तनाव भी बढ़ जाता है।

ऐसे में दिल के पुराने रोगी, उच्च रक्तचाप, डायबिटिज, धूम्रपान करने वाले, गंभीर रोगों से पीड़ित मरीजों और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में अटैक की आशंका बढ़ जाती है। कुछ दूर चलने पर सांस फूलना और छाती में दर्द जैसे लक्षणों पर तत्काल यात्रा स्थगित कर देनी चाहिए। यात्रा के पहले पड़ाव ऋषिकेश में स्क्रीनिंग की व्यवस्था से उच्च जोखिम वाले तीर्थयात्रियों की समय पर पहचान की जा सकती है। इसके लिए स्क्रीनिंग फार्म में केवल 10 सवालों को शामिल करने और कुछ जांच की जरूरत होगी।

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार के मुताबिक चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से स्वास्थ्य विशेषज्ञों के जो भी सुझाव होंगे, उन पर अमल किया जाएगा। यात्रा से पहले एम्स प्रशासन से समन्वय बनाकर यात्रियों के स्वास्थ्य के लिहाज आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

इन 10 सवालों के जवाब हों अनिवार्य

मरीज की उम्र (60 से अधिक उच्च जोखिम)
उच्च रक्तचाप
डायबिटिज
धूम्रपान
पारिवारिक इतिहास
पूर्व में हृदयाघात या लकवा का अटैक
सांस फूलना
छाती में दर्द
गंभीर या एक साथ कई बीमारियों से ग्रस्त
अत्याधिक वजन

यात्रा से कराएं ये जांचें
ईसीजी, ब्लड प्रेशर और शुगर की जांच

दवाएं, उपकरण और सावधानी
दिल, उच्च रक्तचाप और डायबिटिज के मरीज दवा साथ रखें।
पल्स ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन सिलिंडर रखें, ठंड से बचाव करें।
रोजाना 1.5 से 2 लीटर पानी पीएं (हृदय रोगी चिकित्सक की सलाह पर)

इनको अधिक खतरा
हृदय की पंप कैपेसिटी 60 फीसदी से कम हो।
एंजियोग्राफी, ब्लॉकेज या स्टंट लगे हों।
पूर्व में हृदयाघात हुआ हो।

admin

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