उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर भर्तियों की जांच में तेजी

उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर भर्तियों की जांच में तेजी
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देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर भर्तियों की जांच के लिए विशेषज्ञ समिति ने संबंधित दस्तावेज कब्जे में ले लिया। विधानसभा सचिवालय सेवा नियमावली के आधार पर समिति भर्तियों से संबंधित पत्रावलियों की पड़ताल कर रही है। सोमवार को समिति के अध्यक्ष डीके कोटिया और सदस्य सुरेंद्र सिंह रावत ने जांच की। विधानसभा में कर्मचारियों की नियुक्ति और पदोन्नति के मामले की जांच को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित की है। समिति 2012 से 2022 के बीच हुई भर्ती व पदोन्नति संबंधित दस्तावेज कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी।

2012 से विधानसभा में अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्तियों के लिए उत्तराखंड विधानसभा सेवा नियमावली लागू हुई थी। हालांकि इसमें 2015 से 2016 में संशोधन किया गया। 2000 से 2011 तक उत्तर प्रदेश विधानसभा सेवा नियमावली लागू थी। जांच में इस बात पर विशेष फोकस रहेगा कि भर्तियों और पदोन्नतियों में विधानसभा सेवा नियमावली के प्रावधानों का पालन हुआ या नहीं। उधर, विधानसभा में भर्तियों की जांच चलने के साथ ही बाहरी लोगों के प्रवेश को लेकर सख्ती बरती जा रही है। बिना परिचय पत्र किसी को भी विधानसभा में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है।

विशेषज्ञ समिति के सदस्य अवनेंद्र सिंह नयाल उत्तराखंड से बाहर हैं, जिससे वे अभी तक जांच में शामिल नहीं हुए हैं। मंगलवार को उनके विधानसभा पहुंचने की संभावना है। दो दिनों से समिति के अध्यक्ष डीके कोटिया और सदस्य सुरेंद्र सिंह रावत ही फाइलों की जांच कर रहे हैं। विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल की अवकाश अवधि तक उप सचिव हेमचंद्र पंत को सचिव के नैतिक कार्यों का दायित्व दिया गया। पंत को नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार नहीं होगा। साथ ही वित्त से संबंधित कार्य व निर्णय विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति से करेंगे। इस संबंध में विधानसभा सचिवालय की ओर से आदेश जारी किए गए।

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