याददाश्त बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने में मददगार हैं ये 5 जड़ी बूटियां

याददाश्त बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने में मददगार हैं ये 5 जड़ी बूटियां
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ऐसे कई लोग हैं, जो किसी न किसी कारणवश कई दिमागी समस्याओं से जूझ रहे हैं।इनके कारण सोचने-समझने की शक्ति कमजोर हो जाती है और व्यक्ति का दिमाग असंतुलित हो जाता है। हालांकि, आयुर्वेद चिकित्सा में लंबे समय से इस्तेमाल होने वाली कई जड़ी-बूटियां याददाश्त को बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने में मदद कर सकती हैं। इसलिए इन्हें डाइट में शामिल करना अच्छा है।आइए 5 सबसे लाभदायक जड़ी बूटियों के बारे में जानते हैं।

शंखपुष्पी को दूध में मिलाकर पिएं
अगर आप अपना ज्यादातर समय लैपटॉप या फोन पर बिता देते हैं या लंबे समय तक पढ़ाई करते हैं तो इससे मानसिक रूप से थकान हो जाती है। इससे आराम पाने के लिए शंखपुष्पी पाउडर को पानी या दूध के साथ मिलाकर पिएं।इसमें याददाश्त बढ़ाने वाले और आराम देने वाले गुण होते हैं, जो आपके दिमाग की काम करने की क्षमता को बढ़ाते हैं।साथ ही यह मानसिक थकान को दूर करके आपको सक्रिय भी रखती है।

गोटू कोला से होगा फायदा
गोटू कोला के बारे में शायद आप न जानते हो, लेकिन यह जड़ी-बूटी मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक साबित हो सकती है।यह चिंता और तनाव के लक्षण और इनसे जुड़ी समस्याओं को धीरे-धीरे दूर करने में काफी मदद कर सकती है। इसका कारण है कि इसमें एंटी-स्ट्रेस और एंटी-डिप्रेशन गुण मौजूद होते हैं।गोटू कोला में एंटी-एंग्जायटी गुण भी शामिल होता है, जो बेचैनी और व्याकुलता को कम कर सकते हैं।यहां जानिए गोटू कोला के फायदे।

अश्वगंधा भी है प्रभावी
अश्वगंधा के पाउडर का सेवन भी मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक, 50 वयस्कों पर किए गए एक अध्ययन में याददाश्त, ध्यान, सोच, प्रतिक्रिया समय और सूचना-प्रक्रिया क्षमताओं में बड़े पैमाने पर सुधार देखा गया, जब उन्होंने 8 सप्ताह तक प्रतिदिन 600 मिलीग्राम अश्वगंधा अर्क का सेवन किया।दरअसल, इस जड़ी बूटी में एडाप्टोजेनिक होता है, जो मानसिक तनाव को कम करके दिमाग को आराम देती है।यहां जानिए अश्वगंधा के फायदे।

अकरकरा का करें सेवन
अकरकरा का इस्तेमाल लंबे समय से मानसिक स्वास्थ्य और संज्ञानात्मक कार्यप्रणाली में सुधार के लिए किया जाता आ रहा है।इसमें कुछ बायोएक्टिव छोटे अणु होते हैं, जो दिमाग के रसायनों को टूटने से रोकते हैं और याददाश्त, सोच, शांति, सतर्कता और ध्यान को बढ़ाते हैं। विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि इस प्राकृतिक घटक ने अल्जाइमर और अन्य मानसिक स्थितियों वाले रोगियों की स्थिति में सुधार किया है।

जटामांसी भी है लाभदायक जड़ी बूटी
जटामांसी भी एक प्रभावी मेमोरी बूस्टर के रूप में भी काम कर सकती है।यह सीखने और संज्ञानात्मक कौशल में सुधार कर सकती है। साथ ही यह एक पुनर्स्थापना एजेंट के रूप में कार्य करती है और कमजोर याददाश्त से पीडि़त लोगों की मदद करती है।लाभ के लिए जटामांसी के पाउडर को ब्राह्मी, अश्वगंधा और वाचा के साथ मिलाकर पानी के साथ निगलें।

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