आज से हिंदू नववर्ष के साथ शुरु हुआ चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व, घरों से लेकर मंदिरों तक में की जा रही मां शैलपुत्री की अराधना

आज से हिंदू नववर्ष के साथ शुरु हुआ चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व, घरों से लेकर मंदिरों तक में की जा रही मां शैलपुत्री की अराधना
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देहरादून। आज से नौ दिनों तक चलने वाले चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व की शुरुआत हो गई है, चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला बेहद महत्वपूर्ण त्योहार है। नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जैती है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा, चौथे दिन मां कूष्मांडा, पांचवें दिन मां स्कंदमाता, छठे दिन मां कात्यायनी, सातवे दिन मां कालरात्रि, आठवें दिन मां महागौरी और और नौवे दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।

हिंदू नववर्ष 2023 की शुरुआत 21 मार्च 2023 को रात 10 बजकर 53 मिनट से हो चुकी है. इसी समय से चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का भी प्रारंभ हुआ है. आज से विक्रम संवत 2080 का आरंभ हो रहा है. इस संवत्सर का नाम नल है और बुधवार को प्रारंभ होने की वजह से इसके राजा बुध ग्रह और मंत्री शुक्र ग्रह होंगे।

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का अर्थ और महत्व 
हेमाद्री के ब्रह्मपुराण के अनुसार, ब्रह्मा जी ने चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि प्रतिपदा तिथि को सूर्योदय के समय इस सृष्टि की रचना की थी. इस वजह से, हिंदू नव वर्ष हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा या प्रथमा तिथि को शुरू होता है। इस दिन से नया संवत्सर लागू होता है. संवत्सर का अर्थ है, सम+वत्सर यानि पूर्ण वर्ष

नए साल की शुरुआत वृश्चिक राशि में लग्न और उत्तर भाद्रपद नक्षत्र में शुक्ल योग के रूप में होगी. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि बुधवार को पड़ेने के कारण इस वर्ष बुध ग्रह का शासन होगा. इस दिन से विक्रमी संवत 2080 की शुरुआत हो रही है. 50वां संवत इस समय प्रभाव में रहेगा और 23 मार्च 2023 तक रहेगा।

हिंदू नववर्ष के अधिकारी 
राजा- बुध
मंत्री- शुक्र
सस्येश- रवि
धन्येश- शनि
मेघेश- बृहस्पति
नीरेश- रवि
रसेश- मंगल
फलेश- बृहस्पति
धनेश- रवि
दुर्गेश- बृहस्पति

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