एमपैक्स को-कॉपरेटिव का हब बनाना है : डॉ धन सिंह रावत

एमपैक्स को-कॉपरेटिव का हब बनाना है : डॉ धन सिंह रावत
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नाबार्ड और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सभी कोऑपरेटिव बैंकों से कहा है 30 सितंबर तक सभी एजीएम कर ली जाए।

देहरादून। राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना निदेशालय के सभागार में आयोजित सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने शीर्ष संस्थाओं के चेयरमैन, प्रबंध निदेशक व डिस्ट्रिक कोऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन व महाप्रबंधकों को आगामी 30 सितंबर तक एजीएम की बैठक करने के निर्देश दिये। उन्होंने एजीएम में सभी डेलीगेट को बुलाने, और लाभांश वितरण करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा वह स्वयं एजीएम में भाग लेकर राष्ट्रीय सहकारिता सम्मेलन में केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा एम-पैक्स, सहकारिता का मॉडल एक्ट, पैक्स के आत्मनिर्भर बनने के संकल्प को राज्य में परस्पर लागू करने के संबंध में बतायेंगे। तथा केंद्र सरकार कॉपरेटिव का जो नए बॉयलॉज बनाने जा रही है, उसके बारे में सुझाव मांगेंगे। मंत्री डॉ रावत ने कहा कि, ने कहा कि एमपैक्स को-कॉपरेटिव का हब बनाना है। जो एफपीओ हैं वह एमपैक्स के अंदर आएंगे। एमपैक्स को नई पहचान दी जायेगी। भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय ने जो भी निर्देश दिए हैं उनका सहकारिता विभाग उत्तराखंड अक्षरश: पालन करेगा।

डॉ रावत ने सभी सहकारिता के अधिकारियों, बैंक अधिकारियों को निर्देश दिये कि एम पैक्स जो कंप्यूटरीकरण से जो छूट गए हैं उनका कंप्यूटरीकरण जल्दी किया जाए।
उन्होंने कॉपरेटिव को स्वाबलंबन, स्वायत्तता, और जबाबदेही बनाने के लिए अफसरों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा उत्तराखंड कोऑपरेटिव के ब्रांडों को देश-दुनिया में ले जाएं तथा कोऑपरेटिव से कॉर्पोरेट की दिशा में अफसर काम करें।

सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि, सूबे में टीबी मरीजों के उपचार एवं देखभाल में सहकारिता विभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। इसके लिये न्याय पंचायत स्तर पर 670 पैक्स समितियां (बहुउद्देशीय सहकारी समितियां) प्रधानमंत्री टीवी मुक्त भारत अभियान से जुड़ेंगी और रोग निदान के लिये टीबी रोगियों को गोद लेंगी। ताकि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित टीबी मुक्त उत्तराखंड के लक्ष्य को वर्ष 2024 तक प्राप्त किया जा सके।

उन्होंने आगामी 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक क्षय रोग उन्मूलन के लिये राष्ट्रीय स्तर पर संचालित प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान के तहत टीबी मरीजों के उपचार एवं देखभाल में सहकारिता विभाग नि-क्षय मित्र की भूमिका निभायेगा। उन्होंने बताया कि सूबे में न्याय पंचायत स्तर पर 670 समितियों के माध्यम से टीबी मरीजों को गोद लिया जायेगा, जिसके लिये विभागीय अधिकारियों, समितियों के अध्यक्षों एवं सचिवों को निर्देश दे दिये गये हैं।

डॉ0 रावत ने बताया कि सूबे में वर्तमान में 15143 टीबी मरीज चिन्हित किये गये हैं, जिनका नि-क्षय पोषण योजना के तहत नि-क्षय मित्रों के माध्यम से उपचार एवं देखभाल किया जायेगा। विभागीय मंत्री ने बताया कि टीबी मरीजों को गोद लेकर विभागीय अधिकारी, एमपैक्स के अध्यक्ष, सचिव लगातर मरीजों के सम्पर्क में रहेंगे और उनसे दवाईयां लेने एवं अन्य समस्याओं के बारे में जानकारी लेंगे। उन्होंने बताया कि ब्लॉक स्तर पर सौ-सौ टीबी मरीजों पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा ताकि क्षय रोग का उचित निदान हो सके और समय पर रोगियों को उपचार सुनिश्चित किया जा सके।

बैठक में सचिव सहकारिता बी0वी0आर0सी0 पुरूषोत्तम, निबंधक सहकारिता अलोक पाण्डेय, अपर निबंधक ईरा उप्रेती, अपर निबन्धक आनंद शुक्ल, संयुक्त निबन्धक एम पी त्रिपाठी व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे जबकि देहरादून सहित अन्य जनपदों के सहकारिता विभाग एवं सहकारी बैंकों के चेयरमैन, अधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक से जुड़े।

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