एक और राष्ट्रीय शर्म

एक और राष्ट्रीय शर्म
Spread the love

पिछड़े राज्यों से बच्चों की तस्करी कर उन्हें ऐसे राज्यों में बेच दिया जाता है, जहां उनका इस्तेमाल छोटे-मोटे उद्योगों या घरेलू काम के लिए किया जा सके। कई बार तस्कर बच्चों को ऐसे गैंग को भी बेच देते हैं जो भीख मांगने जैसे वाले रैकेट चलाते हैं। बात राष्ट्रीय राजधानी की है, जो देश की सत्ता का केंद्र है- जहां पक्ष-विपक्ष में रोज ही किसी ना किसी मुद्दे को लेकर तकरार छिड़ी रहती है। लेकिन इस बहस में देश की आम आबादी के असल मुद्दे किस तरह गायब रहते हैं, इस पर ध्यान देना हो, तो बाल तस्करी के बारे में जारी हुई एक ताजा रिपोर्ट पर गौर करना चाहिए। इस रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में बाल तस्करी के मामलों में 68 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट ने यह भी बताया है कि कोरोना महामारी के बाद कई राज्यों में बाल तस्करी के मामले बढ़े हैं।

गेम्स24म7 और चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन (केएससीएफ) ने बाल तस्करी के बारे में उपलब्ध आंकड़ों को संकलित कर यह रिपोर्ट तैयार की है। केएससीएफ ने 2016 और 2022 के बीच भारत के 21 राज्यों के 262 जिलों में बाल तस्करी के मामलों में हस्तक्षेप किया। उन मामलों से प्राप्त आंकड़ों के आधार तैयार रिपोर्ट में बताया गया है कि कानूनन बाल मजदूरी पर रोक होने के बावजूद बड़ी संख्या में बाल मजदूर आज भी विभिन्न उद्योगों में काम कर रहे हैँ। जिन उद्योगों में सबसे ज्यादा बाल मजदूरों को रोजगार मिलता है, वे होटल और ढाबे (15.6 फीसदी) हैं। इसके बाद एक परिवार के स्वामित्व वाली ऑटोमोबाइल या परिवहन उद्योग (13 प्रतिशत) और कपड़ा क्षेत्र (11.18 फीसदी) हैं। जाहिरा तौर पर ये समस्या गंभीर है। लेकिन बाल तस्करी सिर्फ चिंताजनक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय शर्म का भी विषय है।

रिपोर्ट के मुताबिक पिछड़े राज्यों से बच्चों की तस्करी कर उन्हें ऐसे शहरों या राज्यों में बेच दिया जाता है, जिससे उनका इस्तेमाल छोटे-मोटे उद्योगों या घरेलू काम के लिए किया जा सके। कई बार तस्कर बच्चों को ऐसे गैंग को भी बेच देते हैं जो भीख मांगने जैसे वाले रैकेट चलाते हैं। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2019 में देश में मानव तस्करी (बच्चों और वयस्कों समेत) के जितने भी मामले थे, उनमें से सबसे ज्यादा मामले जबरन श्रम, देह व्यापार, घरों में जबरन काम और जबरन शादी के थे। आजादी के 75 साल बाद भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं। इसके लिए कौन जवाबदेह है?

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *